आइये इन सवालो का एक एक करके जवाब देते है.
दवा का निर्धारण मात्रा में नहीं होता है. एक गोली भी वही काम करेगी जितना सौ गोली करेगी. इसलिए बेहतर है की एक गोली ले. खर्चा भी कम आएगा. यह मायने रखता है जब आप अस्पताल नाम मात्र शुल्क पर चलाते है.
कुछ लोगो का यह मानना है की दवा वाटर डोस में अच्छा काम करती है. वाटर डोस बनाने के लिए १ गोली दवा को १ लीटर पानी में डाले. इसमें से १ चमचा दवा एक खुराक के रूप में ले. मै खुद वाटर डोस में दवा नहीं देता हु. लेकिन यह बात मैंने इसलिए बतायी की वाटर डोस की पद्धति से आपको यह यकीन हो जायेगा की होमिओपैथी में मात्रा कोई मायने नहीं रखती.
दूसरा सवाल है की दवा लेते समय किन पथ्यो का पालन करे. दवा को बोतल के ढक्कन में बोतल से डाले. दवा को हाथ में रखकर मुह में ना डाले. बोतल के ढक्कन से ही दवा मुह में उतारे.
दवा खाने के आध घंटा पहले मुह को पानी के कुल्ले से साफ़ करे. दवा खाने के आध घंटा पहले और आध घंटा बाद में आपके मुह में खाने पिने की कोई चीज ना जाये. जैसे सुबह ८ बजे यदि आपको दवा खानी है तो ७.३० बजे पानी से कुल्ला करे. बेहतर है की मंजन आप दवा खाने के एक घंटा पहले ही कर ले. ७.३० बजे से ८.३० बजे तक आप कुछ खाए पिए नहीं. पानी भी ना पिए. गुटखा, तम्बाखू एक घंटा पहले और एक घंटा बाद तक ना खाए.
होमिओपैथी दवा खाने वाला आदमी कच्चा प्याज और कच्चा लहसन न खाए. यदि बी पी की शिकायत के कारन कच्चा लहसन खाते है तो दवा में और लहसन में २ घंटे का अंतर रखे.
कोफ्फ़ी न पिए, शराब ना पिए. मन को शांत रखे.
तीसरा सवाल है की दवा को दोहराया कब जाए.
जैसे की मै पहले ही बता चूका हु, होमिओपैथी शरीर के मार्गदर्शक का काम करती है. वह अपने आप में कोई शारीरिक क्रिया में किसी रसायन के माध्यम से कोई दखल नहीं देती है. संयुक्तिक या विचार युक्त दवा की ५ खुराक १२ घंटे के अंतर से शरीर का मार्गदर्शन करने में सक्षम है. तो पाच खुराक ले कर पेशंट को एक हप्ता इन्तजार करना चाहिए उसके परिणाम का. जितना विचार करना है विचार युक्त दवा खाने के पहले करे. हड़बड़ी में तीन चार दवा एक साथ ले लेना या एक के बाद दूसरी दवा को फटाफट लेना विचारो में अस्तव्यस्तता की निशानी है. ऐसा न करे.
आप दवा की शुरुआत २०० पोटेंसी से कर सकते है. ३० पोटेंसी में आप दवा की अधिक खुराक जैसे पांच के बदले १० ले सकते है.
आपको दस पंधरा दिन तक देखते रहना है की दवा का परिणाम क्या आता है. यदि परिणाम अच्छा आया था और बाद में फिर तकलीफ शुरू हो जाती है तो दवा को उसी तरह वापस लेना है.
मै अक्सर २०० पोटेंसी से शुरू करता हु और ऊपर दी हुई पद्धति का अनुसरण करता हूँ. मै केवल एक गोली एक खुराक के रूप में देता हु. यह पद्धति मेरे लिए अच्छा काम कर रही है. कुछ मामलो में मैंने सीधे १ एम पोटेंसी दी. कुछ मामलो में मैंने ३० सी पोटेंसी को रोज दोहराया. लेकिन ये मामले बहुत नहीं है.
दवा का निर्धारण मात्रा में नहीं होता है. एक गोली भी वही काम करेगी जितना सौ गोली करेगी. इसलिए बेहतर है की एक गोली ले. खर्चा भी कम आएगा. यह मायने रखता है जब आप अस्पताल नाम मात्र शुल्क पर चलाते है.
कुछ लोगो का यह मानना है की दवा वाटर डोस में अच्छा काम करती है. वाटर डोस बनाने के लिए १ गोली दवा को १ लीटर पानी में डाले. इसमें से १ चमचा दवा एक खुराक के रूप में ले. मै खुद वाटर डोस में दवा नहीं देता हु. लेकिन यह बात मैंने इसलिए बतायी की वाटर डोस की पद्धति से आपको यह यकीन हो जायेगा की होमिओपैथी में मात्रा कोई मायने नहीं रखती.
दूसरा सवाल है की दवा लेते समय किन पथ्यो का पालन करे. दवा को बोतल के ढक्कन में बोतल से डाले. दवा को हाथ में रखकर मुह में ना डाले. बोतल के ढक्कन से ही दवा मुह में उतारे.
दवा खाने के आध घंटा पहले मुह को पानी के कुल्ले से साफ़ करे. दवा खाने के आध घंटा पहले और आध घंटा बाद में आपके मुह में खाने पिने की कोई चीज ना जाये. जैसे सुबह ८ बजे यदि आपको दवा खानी है तो ७.३० बजे पानी से कुल्ला करे. बेहतर है की मंजन आप दवा खाने के एक घंटा पहले ही कर ले. ७.३० बजे से ८.३० बजे तक आप कुछ खाए पिए नहीं. पानी भी ना पिए. गुटखा, तम्बाखू एक घंटा पहले और एक घंटा बाद तक ना खाए.
होमिओपैथी दवा खाने वाला आदमी कच्चा प्याज और कच्चा लहसन न खाए. यदि बी पी की शिकायत के कारन कच्चा लहसन खाते है तो दवा में और लहसन में २ घंटे का अंतर रखे.
कोफ्फ़ी न पिए, शराब ना पिए. मन को शांत रखे.
तीसरा सवाल है की दवा को दोहराया कब जाए.
जैसे की मै पहले ही बता चूका हु, होमिओपैथी शरीर के मार्गदर्शक का काम करती है. वह अपने आप में कोई शारीरिक क्रिया में किसी रसायन के माध्यम से कोई दखल नहीं देती है. संयुक्तिक या विचार युक्त दवा की ५ खुराक १२ घंटे के अंतर से शरीर का मार्गदर्शन करने में सक्षम है. तो पाच खुराक ले कर पेशंट को एक हप्ता इन्तजार करना चाहिए उसके परिणाम का. जितना विचार करना है विचार युक्त दवा खाने के पहले करे. हड़बड़ी में तीन चार दवा एक साथ ले लेना या एक के बाद दूसरी दवा को फटाफट लेना विचारो में अस्तव्यस्तता की निशानी है. ऐसा न करे.
आप दवा की शुरुआत २०० पोटेंसी से कर सकते है. ३० पोटेंसी में आप दवा की अधिक खुराक जैसे पांच के बदले १० ले सकते है.
आपको दस पंधरा दिन तक देखते रहना है की दवा का परिणाम क्या आता है. यदि परिणाम अच्छा आया था और बाद में फिर तकलीफ शुरू हो जाती है तो दवा को उसी तरह वापस लेना है.
यदि परिणाम से आप संतुष्ट नहीं तो पोटेंसी बढाने के या दूसरी दवा के बारे में सोचे.
मै अक्सर २०० पोटेंसी से शुरू करता हु और ऊपर दी हुई पद्धति का अनुसरण करता हूँ. मै केवल एक गोली एक खुराक के रूप में देता हु. यह पद्धति मेरे लिए अच्छा काम कर रही है. कुछ मामलो में मैंने सीधे १ एम पोटेंसी दी. कुछ मामलो में मैंने ३० सी पोटेंसी को रोज दोहराया. लेकिन ये मामले बहुत नहीं है.
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