Saturday 20 August 2011

नैटरम मर (Natrum Mur)

जब व्यक्ति दीर्घ काल से दुःख के बोझ तले दबा हुआ होता है.

यह व्यक्ति कलात्मक हो सकता है. यह दुसरे के दर्द का अहसास रखने वाला हो सकता है. जब यह दर्द में होता है तो दुसरे से सहानुभूति नहीं चाहता.

यह नमक का जयादा प्रयोग करने वाला हो सकता है. इसे खाना खाते समय बहोत पसीना आने की संभावना है.

जो बुखार पलट पलट कर आता है उसमे यह दवा काम कर सकती है.

गर्मी की अति से जो दुष्परिणाम होते है उनमे भी यह प्रयुक्त होती है.

स्त्री को रक्त प्रदर में अधिक स्राव होने की संभावना है.

तेल वाली त्वचा पर यह दवा काम करने की सम्भावना है. सुखी खुजली में यह काम कर सकती है.

1 comment:

  1. एक व्यक्ति को मुह में लम्बे समय से फोड़े चल रहे थे. उसने बहोत अंग्रेजी दवाइयाँ खाया. कुछ फरक नहीं पड़ा. उसे भोजन करते वक़्त बहोत पसीना आता था. उसे नैटरम मर २०० का प्रयोग करने से फोड़ो में अच्छी राहत मिली. उसे दवा की सिर्फ ३ खुराक दी गयी. और एक महीने बाद दवा को दोहराया गया. पहली बार दवा खाने के बाद वह कुछ समय के लिए अस्वस्थ हो गया था. लेकिन बाद में उसे अस्वस्थता न रही.

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